चंदन एक विशेष प्रकार का पेड़ है जो भारत में प्राचीन काल से उगाया जाता है। इसकी सुगंधित लकड़ी और औषधीय गुणों के कारण इसकी बाजार में बहुत मांग है। यह पेड़ मुख्य रूप से दक्षिण भारत में पाया जाता है, लेकिन अब देश के कई हिस्सों में इसकी खेती की जा रही है।
खेती के फायदे
चंदन की खेती में सबसे बड़ा फायदा यह है कि इसमें रोजाना की देखभाल बहुत कम करनी पड़ती है। एक बार पौधा लगाने के बाद, बस थोड़ी सी सिंचाई और सुरक्षा की जरूरत होती है। साथ ही, इस पेड़ के हर हिस्से से कमाई होती है – लकड़ी से लेकर तेल तक।
जमीन और मौसम
चंदन के पेड़ को अच्छी जल निकासी वाली मिट्टी चाहिए। पथरीली या रेतीली मिट्टी में यह पेड़ अच्छी तरह नहीं बढ़ता। इसे मध्यम तापमान और साल में कम से कम 60 सेंटीमीटर वर्षा की आवश्यकता होती है। पेड़ को सीधी धूप भी मिलनी चाहिए।
शुरुआत कैसे करें
सबसे पहले अपने राज्य के वन विभाग से अनुमति लें। फिर अच्छी गुणवत्ता के पौधे खरीदें। एक एकड़ में लगभग 200 पौधे लगाए जा सकते हैं। पौधों के बीच उचित दूरी रखना जरूरी है। शुरुआती दो साल में नियमित सिंचाई और देखभाल महत्वपूर्ण है।
रखना होगा पूरा ध्यान
चंदन के पेड़ों को चोरी और जानवरों से बचाना बहुत जरूरी है। इसलिए खेत की अच्छी घेराबंदी करें। साथ ही, पेड़ों की समय-समय पर छंटाई करते रहें और बीमारियों से बचाव के लिए नजर रखें। पहले कुछ सालों में अन्य फसलें भी इसके साथ उगाई जा सकती हैं।
कैसे होगी कमाई
एक परिपक्व चंदन का पेड़ बाजार में 10 से 15 लाख रुपये तक बिक सकता है। हालांकि, इसे परिपक्व होने में 15 से 20 साल लगते हैं, लेकिन इस समय के दौरान आप अन्य फसलों से भी लाभ कमा सकते हैं। एक एकड़ में लगे चंदन के पेड़ों से आप करोड़ों की कमाई कर सकते हैं।
सरकारी मदद
कई राज्य सरकारें चंदन की खेती के लिए विशेष योजनाएं चलाती हैं। इनमें पौधे, तकनीकी जानकारी और कभी-कभी आर्थिक मदद भी शामिल है। अपने क्षेत्र के कृषि विभाग से इन योजनाओं की जानकारी लें।
ऐसे मिलेगी सफलता
चंदन की खेती में सफलता के लिए धैर्य सबसे जरूरी है। इसके साथ ही नियमित देखभाल, सुरक्षा और सही समय पर सही कदम उठाना भी महत्वपूर्ण है। अगर आप लंबी अवधि के निवेश के लिए तैयार हैं, तो यह एक बेहतरीन विकल्प हो सकता है।
चंदन की मांग लगातार बढ़ रही है और कीमतें भी बढ़ रही हैं। इसलिए इसकी खेती भविष्य में और भी फायदेमंद हो सकती है। साथ ही, यह पर्यावरण के लिए भी फायदेमंद है और आने वाली पीढ़ियों के लिए एक मूल्यवान संपत्ति बन सकती है।