सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत गरीब परिवारों को सस्ते दामों पर राशन उपलब्ध कराया जाता है। कभी-कभी राशन वितरण में होने वाली अनियमितताओं से लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ता है। ऐसी स्थिति में सरकार ने नागरिकों को शिकायत का अधिकार दिया है।
शिकायत का महत्व
राशन वितरण में गड़बड़ी, समय पर राशन न मिलना, या घटिया गुणवत्ता का राशन मिलने जैसी समस्याएं आम हैं। इन समस्याओं का समाधान पाने के लिए शिकायत करना आवश्यक है। शिकायत से न केवल व्यक्तिगत समस्या का समाधान होता है, बल्कि पूरी वितरण व्यवस्था में सुधार आता है।
शिकायत के कई माध्यम उपलब्ध
सरकार ने नागरिकों की सुविधा के लिए कई माध्यम उपलब्ध कराए हैं। टोल-फ्री हेल्पलाइन नंबर पर फोन करके तत्काल शिकायत दर्ज कराई जा सकती है। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा पोर्टल पर ऑनलाइन शिकायत का विकल्प भी उपलब्ध है। कई राज्यों में व्हाट्सएप और एसएमएस के माध्यम से भी शिकायत की जा सकती है।
कार्यालय में जाकर भी शिकायत दर्ज कराई जा सकती है
शिकायत करते समय राशन कार्ड नंबर, डीलर का नाम और समस्या का विस्तृत विवरण देना आवश्यक है। ऑनलाइन शिकायत के लिए राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा पोर्टल पर पंजीकरण करना होता है। व्यक्तिगत रूप से स्थानीय खाद्य वितरण कार्यालय में जाकर भी शिकायत दर्ज कराई जा सकती है।
कार्रवाई और समाधान
शिकायत मिलने के बाद विभाग द्वारा जांच की जाती है। यदि शिकायत सही पाई जाती है, तो संबंधित डीलर पर कार्रवाई की जाती है। अधिकतर मामलों में 7-10 दिनों के भीतर समाधान किया जाता है। शिकायतकर्ता को कार्रवाई की जानकारी भी दी जाती है।
राशन वितरण में पारदर्शिता लाने के लिए शिकायत प्रणाली एक महत्वपूर्ण कदम है। यह व्यवस्था गरीब परिवारों को उनका अधिकार दिलाने में मदद करती है। सरकार द्वारा उपलब्ध कराए गए विभिन्न शिकायत माध्यमों का उपयोग करके नागरिक अपनी समस्याओं का समाधान पा सकते हैं।