राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (एनटीए) ने नीट यूजी परीक्षा में एक बड़ा बदलाव करने का निर्णय लिया है। वर्ष 2025 से, छात्रों को अब परीक्षा देने के लिए सिर्फ तीन से चार अवसर मिलेंगे, जबकि पहले यह अनलिमिटेड था। यह निर्णय परीक्षा व्यवस्था को और अधिक कुशल बनाने तथा परीक्षार्थियों की बढ़ती संख्या को नियंत्रित करने के उद्देश्य से लिया गया है।
NEET UG Update
वर्तमान में, नीट यूजी परीक्षा में अनलिमिटेड प्रयासों की अनुमति के कारण कई समस्याएं सामने आ रही थीं। विशेष रूप से पेपर-पेन मोड में परीक्षा होने के कारण प्रश्न पत्र लीक होने का जोखिम बढ़ गया था। दूरदराज के क्षेत्रों में प्रश्न पत्रों की समय पर डिलीवरी और उनकी सुरक्षा भी एक बड़ी चुनौती बन गई थी।
हाइब्रिड मोड की नई पहल
समीक्षा समिति ने सीयूईटी और यूजीसी जैसी अन्य प्रमुख परीक्षाओं के पैटर्न का अध्ययन करते हुए नीट यूजी को हाइब्रिड मोड में आयोजित करने का सुझाव दिया है। इस नए प्रारूप में:
- प्रश्न पत्र कंप्यूटर आधारित होंगे
- उत्तर पुस्तिका पेन-पेपर मोड में भरी जाएगी
- इससे प्रश्न पत्र लीक होने की संभावना काफी कम हो जाएगी
आयु सीमा का प्रस्ताव
समिति ने परीक्षा में शामिल होने वाले छात्रों के लिए अधिकतम आयु सीमा निर्धारित करने का भी प्रस्ताव रखा है। यह कदम परीक्षा में शामिल होने वाले छात्रों की संख्या को नियंत्रित करने में मदद करेगा और परीक्षा प्रणाली को अधिक प्रभावी बनाएगा।
विशेषज्ञ समिति का गठन
सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर गठित उच्च स्तरीय समिति में प्रतिष्ठित सदस्य शामिल हैं, जिनमें:
- डॉ. रणदीप गुलेरिया (एम्स दिल्ली के पूर्व निदेशक)
- प्रो. विजय राव (केंद्रीय विश्वविद्यालय हैदराबाद के कुलपति)
- प्रो. आदित्य मित्तल (आईआईटी दिल्ली)
इस समिति ने देशभर से प्राप्त सुझावों का विस्तृत अध्ययन करने के बाद 22 बैठकों में अपनी रिपोर्ट को अंतिम रूप दिया है। यह बदलाव मेडिकल शिक्षा में प्रवेश प्रक्रिया को और अधिक पारदर्शी और प्रभावी बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा।