केंद्र सरकार ने हाल ही में प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (पीएम-किसान) के तहत 9.4 करोड़ किसानों के खातों में 2000 रुपये की 18वीं किस्त जारी की है। यह योजना देश के किसानों को आर्थिक सहायता प्रदान करने का एक महत्वपूर्ण माध्यम है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि सरकार किसानों को व्यापारी बनाने की दिशा में भी कदम उठा रही है?
फार्मर प्रोड्यूसर ऑर्गेनाइजेशन (एफपीओ) योजना
सरकार द्वारा चलाई जा रही फार्मर प्रोड्यूसर ऑर्गेनाइजेशन (एफपीओ) योजना किसानों को व्यावसायिक दृष्टिकोण से सशक्त बनाने का एक प्रयास है। इस योजना के तहत, 11 किसानों के समूह को एक कंपनी के रूप में पंजीकृत किया जाता है और उन्हें 15 लाख रुपये तक का ऋण प्रदान किया जाता है।
योजना के उद्देश्य और लाभ
इस योजना का मुख्य उद्देश्य किसानों को व्यापार से जोड़ना, उनकी आय में वृद्धि करना और कृषि क्षेत्र में नवीन व्यावसायिक अवसरों का सृजन करना है।
आवेदन प्रक्रिया
एफपीओ योजना का लाभ उठाने के लिए, किसानों को राष्ट्रीय कृषि बाजार की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर पंजीकरण प्रक्रिया पूरी करनी होती है। इसमें एफपीओ विकल्प पर क्लिक करना, पंजीकरण फॉर्म भरना, आवश्यक दस्तावेज अपलोड करना और फॉर्म जमा करना शामिल है।
योजना की चुनौतियां
हालांकि यह योजना काफी समय से चल रही है, लेकिन जानकारी के अभाव में कई किसान इसका लाभ नहीं उठा पा रहे हैं। कुछ मामलों में, योजना के तहत आवंटित धन को वापस भेजना पड़ रहा है क्योंकि किसानों में इसके प्रति रुचि की कमी है।
प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि और फार्मर प्रोड्यूसर ऑर्गेनाइजेशन योजना दोनों ही किसानों के कल्याण के लिए महत्वपूर्ण हैं। जहां एक ओर पीएम-किसान तत्काल आर्थिक सहायता प्रदान करता है, वहीं एफपीओ योजना किसानों को दीर्घकालिक व्यावसायिक सफलता की ओर ले जाने का प्रयास करती है। किसानों को इन दोनों योजनाओं का लाभ उठाने के लिए जागरूक होना चाहिए और सक्रिय रूप से भाग लेना चाहिए। इससे न केवल उनकी व्यक्तिगत आर्थिक स्थिति में सुधार होगा, बल्कि देश के कृषि क्षेत्र के समग्र विकास में भी योगदान मिलेगा।