वित्तीय जीवन में सिबिल स्कोर की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण होती है। आज के समय में जब आप किसी बैंक से लोन या क्रेडिट कार्ड के लिए आवेदन करते हैं, तो सबसे पहले बैंक आपका सिबिल स्कोर देखता है। यह स्कोर 300 से 900 के बीच होता है और आपकी वित्तीय विश्वसनीयता को दर्शाता है।
शून्य सिबिल स्कोर को सुधारें
शून्य सिबिल स्कोर का मतलब है कि आपकी कोई क्रेडिट हिस्ट्री नहीं है। यह स्थिति तब आती है जब आपने कभी कोई लोन नहीं लिया हो या क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल नहीं किया हो। ऐसी स्थिति में बैंक आपको लोन देने में हिचकिचाते हैं क्योंकि उन्हें आपकी भुगतान क्षमता का कोई पिछला रिकॉर्ड नहीं मिलता।
शून्य स्कोर के कारण
कई लोगों का सिबिल स्कोर शून्य होने के पीछे मुख्य कारण है वित्तीय लेनदेन का अभाव। कुछ लोग नकद भुगतान को प्राथमिकता देते हैं और कर्ज से दूर रहते हैं। वहीं कुछ लोगों ने पहले लिए गए लोन या क्रेडिट कार्ड के बिल का समय पर भुगतान नहीं किया होता है, जिससे उनका स्कोर प्रभावित होता है।
बिल का समय पर भुगतान
अपने शून्य सिबिल स्कोर को सुधारने के लिए सबसे पहला कदम है एक बेसिक क्रेडिट कार्ड लेना। इसका नियमित उपयोग करें और हर महीने बिल का समय पर भुगतान करें। आप छोटी-छोटी खरीदारी को किस्तों में भी कर सकते हैं। इससे आपकी क्रेडिट हिस्ट्री बनने लगेगी। याद रखें, किस्तों का भुगतान कभी न चूकें।
धीमी है प्रक्रिया
सिबिल स्कोर में सुधार एक धीमी प्रक्रिया है। इसमें करीब एक से दो साल का समय लग सकता है। इस दौरान अपनी वित्तीय गतिविधियों पर नजर रखें और सभी भुगतान समय पर करें। धीरे-धीरे आपका स्कोर बढ़ेगा और 700 से ऊपर पहुंच जाएगा। एक बार ऐसा हो जाए, तो आपको बैंक से लोन या क्रेडिट कार्ड पाने में कोई परेशानी नहीं होगी।
याद रखें कि एक बार अच्छा सिबिल स्कोर बन जाने के बाद इसे बनाए रखना भी जरूरी है। इसके लिए अपने क्रेडिट कार्ड का समझदारी से इस्तेमाल करें और सभी किस्तों का भुगतान समय पर करें। कभी भी अपनी भुगतान क्षमता से ज्यादा कर्ज न लें। इस तरह आप अपनी वित्तीय स्थिति को मजबूत बना सकते हैं और भविष्य में जरूरत पड़ने पर आसानी से वित्तीय मदद प्राप्त कर सकते हैं।