भारत सरकार ने टेलीकॉम सेक्टर में एक बड़ी कार्रवाई करते हुए करीब 1.7 करोड़ फर्जी सिम कार्ड को बंद कर दिया है। यह कार्रवाई जियो, एयरटेल, वोडाफोन-आइडिया और बीएसएनएल के उन सभी सिम कार्ड पर की गई है, जो फर्जी आधार कार्ड और अन्य दस्तावेजों के आधार पर जारी किए गए थे। सरकार ने इस कार्रवाई को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) आधारित टूल की मदद से अंजाम दिया है।
अंतरराष्ट्रीय फर्जी कॉल पर रोक
दूरसंचार विभाग (डीओटी) ने चार प्रमुख टेलीकॉम सेवा प्रदाताओं के साथ मिलकर 45 लाख से अधिक फर्जी अंतरराष्ट्रीय कॉल को भारतीय नेटवर्क तक पहुंचने से रोक दिया है। इस समस्या से निपटने के लिए एक नई दो-चरणीय प्रणाली शुरू की गई है। पहले चरण में गलत मार्केटिंग कॉल और संदेशों को रोका जा रहा है, जबकि दूसरे चरण में भारतीय टेलीकॉम ऑपरेटर के नंबरों से की जाने वाली फर्जी कॉल पर राष्ट्रीय स्तर पर कार्रवाई की जाएगी।
बैंक खातों और डिजिटल सेवाओं पर प्रभाव
इस कार्रवाई का व्यापक प्रभाव देखने को मिला है। संचार मंत्रालय के अनुसार, लगभग 11 लाख बैंक खातों और पेमेंट वॉलेट को फ्रीज कर दिया गया है। इसके अतिरिक्त, फर्जी सिम से जुड़े करीब 11 लाख व्हाट्सएप अकाउंट भी बंद कर दिए गए हैं। सरकार ने सिम कार्ड वितरण में शामिल 71,000 से अधिक सिम एजेंटों को भी ब्लैकलिस्ट कर दिया है।
आम नागरिकों के लिए सुरक्षा उपाय
सरकार ने नागरिकों की सुविधा के लिए एक विशेष पोर्टल tafcop.sancharsaathi.gov.in लॉन्च किया है, जहां लोग अपने नाम पर पंजीकृत सिम कार्ड की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। इसके अलावा, फर्जी कॉल और संदेशों की शिकायत के लिए चक्षु पोर्टल की भी शुरुआत की गई है। यह पोर्टल sancharsaathi.gov.in के माध्यम से एक्सेस किया जा सकता है।
फर्जी सिम कार्ड के मामले में विभिन्न राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में 365 एफआईआर दर्ज की गई हैं। सरकार का कहना है कि आने वाले दिनों में ऐसे और सिम कार्ड को भी ब्लॉक किया जाएगा। साथ ही, साइबर अपराध या धोखाधड़ी में प्रयुक्त 2.29 लाख मोबाइल फोन को भी बंद कर दिया गया है।
इस व्यापक कार्रवाई का मुख्य उद्देश्य डिजिटल सुरक्षा को मजबूत करना और साइबर अपराधों पर अंकुश लगाना है। सरकार का यह कदम डिजिटल इंडिया की सुरक्षा और विश्वसनीयता को बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास है।