धनतेरस पर गलती से भी न खरीदें ये चीजें, होगा दुष्प्रभाव

धनतेरस दिवाली के पावन पर्व की शुरुआत का प्रतीक है। यह त्योहार न केवल खरीदारी का शुभ मुहूर्त है, बल्कि सकारात्मक ऊर्जा और समृद्धि को आमंत्रित करने का भी विशेष दिन माना जाता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि इस दिन कुछ वस्तुओं की खरीदारी से बचना चाहिए?

अशुभ वस्तुओं से परहेज

धनतेरस पर लोहे से बनी वस्तुएं जैसे चाकू, कैंची या कुल्हाड़ी की खरीदारी से बचना चाहिए। इन वस्तुओं का संबंध शनि देव से माना जाता है, जो कठोर निर्णयों के देवता हैं। इसी तरह, हथियार या शिकार से जुड़े सामान भी नहीं खरीदने चाहिए, क्योंकि यह दिन शांति और समृद्धि का प्रतीक है।

रंगों का महत्व

काले रंग की वस्तुएं, चाहे वह कपड़े हों या बर्तन, इस दिन खरीदने से बचना चाहिए। काला रंग अंधकार का प्रतीक माना जाता है, जबकि धनतेरस प्रकाश और समृद्धि का त्योहार है। इसके स्थान पर सोने, चांदी या लाल रंग जैसे शुभ रंगों की वस्तुएं खरीदनी चाहिए।

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पुरानी वस्तुओं से दूरी

सेकेंड-हैंड या इस्तेमाल की गई वस्तुएं खरीदने से बचें। ऐसी वस्तुओं में पूर्व मालिकों की ऊर्जा होने की मान्यता है। धनतेरस नई शुरुआत का प्रतीक है, इसलिए नई वस्तुओं की खरीदारी को प्राथमिकता दें।

मूर्तियों का चयन

नीलम, प्लास्टिक या लोहे से बनी मूर्तियां, विशेषकर शनि से संबंधित, इस दिन नहीं खरीदनी चाहिए। इनके स्थान पर ऐसी वस्तुएं चुनें जो सौभाग्य और समृद्धि को बढ़ावा देती हों।

पूर्णता का महत्व

टूटी-फूटी या दोषपूर्ण वस्तुओं की खरीदारी से बचें। यह नकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित कर सकती है। साथ ही, नशीले पदार्थों से दूर रहें क्योंकि ये आध्यात्मिक विकास में बाधक बनते हैं और इस पवित्र दिन के महत्व को कम करते हैं।

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धनतेरस पर खरीदारी करते समय इन बातों का ध्यान रखें। यह दिन भगवान धन्वंतरि और मां लक्ष्मी की कृपा प्राप्त करने का विशेष अवसर है। सकारात्मक ऊर्जा और समृद्धि को आमंत्रित करने वाली वस्तुओं का चयन करें, जो आपके जीवन में खुशहाली लाएं। याद रखें, यह त्योहार केवल खरीदारी का नहीं, बल्कि सकारात्मक शुरुआत का प्रतीक है।

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