आज के डिजिटल युग में संचार तकनीक लगातार विकसित हो रही है। इसी कड़ी में एक नई तकनीक सामने आई है जिसे डायरेक्ट-टू-डिवाइस (D2D) कहा जाता है। यह नवीन सैटेलाइट संचार प्रणाली उपयोगकर्ताओं को बिना किसी मोबाइल टावर या तार के सीधे अपने स्मार्ट उपकरणों से जुड़ने की सुविधा देती है। आइए जानें इस क्रांतिकारी तकनीक के बारे में विस्तार से।
क्या है D2D तकनीक?
डायरेक्ट-टू-डिवाइस तकनीक स्मार्टफोन, स्मार्टवॉच और अन्य गैजेट्स के बीच सीधा संपर्क स्थापित करने में मदद करती है। इसकी सबसे बड़ी विशेषता यह है कि इसमें सिम कार्ड की आवश्यकता नहीं होती। यह तकनीक विशेष रूप से आपातकालीन स्थितियों में उपयोगी साबित हो सकती है, जब पारंपरिक नेटवर्क उपलब्ध नहीं होते।
BSNL और Viasat का सफल प्रयोग
भारत संचार निगम लिमिटेड (BSNL) ने Viasat के साथ मिलकर इस तकनीक का सफल परीक्षण किया है। इस परीक्षण में एक सामान्य एंड्रॉइड स्मार्टफोन का उपयोग करके 36,000 किलोमीटर दूर स्थित उपग्रह नेटवर्क से फोन कॉल की गई। यह प्रयोग बताता है कि भविष्य में उपयोगकर्ता बिना सिम कार्ड और नेटवर्क के भी ऑडियो-वीडियो कॉल कर सकेंगे।
बाकी कंपनी की बढ़ी टेंशन
BSNL के अलावा, भारत के अन्य प्रमुख दूरसंचार कंपनियां भी इस क्षेत्र में अपनी उपस्थिति दर्ज करा रही हैं। एयरटेल ने हाल ही में इंडिया मोबाइल कांग्रेस 2024 में अपनी सैटेलाइट इंटरनेट सेवा का प्रदर्शन किया। इस प्रदर्शन में दिखाया गया कि कैसे दूरदराज के इलाकों में भी इंटरनेट कनेक्टिविटी सुनिश्चित की जा सकती है। जियो और वोडाफोन-आइडिया जैसी कंपनियां भी अपनी सैटेलाइट संचार परियोजनाओं पर तेजी से काम कर रही हैं।
सरकार की भूमिका
भारत सरकार जल्द ही स्पेक्ट्रम आवंटन की योजना बना रही है। इससे BSNL, एयरटेल, जियो, वोडाफोन-आइडिया और एलोन मस्क की स्टारलिंक जैसी कंपनियों को सैटेलाइट इंटरनेट सेवाएं प्रदान करने की अनुमति मिलेगी। यह कदम भारत में सैटेलाइट आधारित संचार के क्षेत्र में एक नया अध्याय खोलेगा।
D2D तकनीक के लाभ
इस नई तकनीक के कई फायदे हैं। सबसे पहले, यह आपातकालीन स्थितियों में बेहद उपयोगी साबित होगी। जब प्राकृतिक आपदाओं या अन्य संकटों के कारण सामान्य नेटवर्क काम नहीं करते, तब यह तकनीक लोगों को संपर्क में रहने में मदद करेगी। दूसरा, यह दूरदराज के क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के लिए वरदान साबित हो सकती है, जहां पारंपरिक नेटवर्क की पहुंच नहीं है।
डायरेक्ट-टू-डिवाइस तकनीक भारत में संचार क्षेत्र में एक नई क्रांति ला सकती है। यह न केवल आम लोगों को बेहतर संपर्क सुविधा देगी, बल्कि आपातकालीन सेवाओं और दूरदराज के क्षेत्रों में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। भारतीय दूरसंचार कंपनियों द्वारा इस क्षेत्र में किए जा रहे प्रयास और सरकार की सकारात्मक पहल से यह स्पष्ट है कि आने वाले समय में सैटेलाइट आधारित संचार भारत के डिजिटल परिदृश्य का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बनने जा रहा है। यह तकनीक न केवल संचार की दुनिया में नए अवसर खोलेगी, बल्कि डिजिटल इंडिया के सपने को साकार करेगी ।