हिमाचल प्रदेश में बिजली उपभोक्ताओं के लिए एक महत्वपूर्ण बदलाव होने जा रहा है। राज्य सरकार ने बिजली सब्सिडी को सीधे उपभोक्ताओं के बैंक खातों में भेजने का निर्णय लिया है। यह नई व्यवस्था नवंबर माह से लागू हो सकती है, जिसके लिए बिजली बोर्ड ने तैयारियां शुरू कर दी हैं।
आधार और राशन कार्ड से जुड़ेंगे मीटर
इस नई पहल के तहत, पहली बार बिजली के मीटरों को उपभोक्ताओं के आधार कार्ड और राशन कार्ड से जोड़ा जाएगा। इसके लिए बिजली बोर्ड के कर्मचारी घर-घर जाकर सर्वेक्षण कर रहे हैं। यह कदम पारदर्शिता लाने और सब्सिडी के दुरुपयोग को रोकने के लिए उठाया गया है।
सरकार का मुख्य उद्देश्य है कि एक उपभोक्ता को केवल एक ही मीटर पर सब्सिडी का लाभ मिले। वर्तमान में कई उपभोक्ताओं के नाम पर एक से अधिक मीटर हैं, जिन पर वे 125 यूनिट तक मुफ्त बिजली का लाभ ले रहे हैं। नई व्यवस्था से इस तरह की अनियमितताओं पर रोक लगेगी।
डिजिटल होगा सबकुछ
बिजली बोर्ड ने इस कार्य के लिए एक विशेष मोबाइल एप विकसित की है। कर्मचारी इस एप में उपभोक्ताओं का पूरा डाटा अपलोड करेंगे, जिसमें उनकी फोटो भी शामिल होगी। यह डाटा सीधे सरकार के साथ साझा किया जाएगा, जिससे सब्सिडी वितरण में पारदर्शिता आएगी।
हिमाचल प्रदेश में लगभग साढ़े 28 लाख बिजली उपभोक्ता हैं, जिनमें से करीब 18 लाख घरेलू उपभोक्ता हैं। यह नई व्यवस्था राज्य सरकार को आर्थिक बचत में मदद करेगी और सुनिश्चित करेगी कि सब्सिडी का लाभ वास्तविक लाभार्थियों तक पहुंचे।
अक्टूबर माह में इस सर्वे को पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। बिजली बोर्ड ने सभी सहायक अभियंताओं को निर्देश दिए हैं कि वे उपभोक्ताओं को केवाईसी करवाने के लिए नोटिस जारी करें। यह नई व्यवस्था न केवल सरकारी खजाने को बचाएगी बल्कि बिजली सब्सिडी वितरण को अधिक कुशल और पारदर्शी बनाएगी।