मोबाइल उपभोक्ताओं के लिए चिंता की बात यह है कि देश की प्रमुख टेलीकॉम कंपनियां रिचार्ज प्लान की कीमतों में लगातार बढ़ोतरी कर रही हैं। रिलायंस जियो, एयरटेल और वोडाफोन आइडिया ने हाल ही में अपने टैरिफ में वृद्धि की है, और आने वाले समय में और भी बढ़ोतरी की संभावना है। विशेषज्ञों का अनुमान है कि साल 2027 तक कंपनियां अपने टैरिफ में 15 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी कर सकती हैं।
टेलीकॉम सेवाओं की बढ़ती कीमतें
भारतीय बाजार में टेलीकॉम सेवाओं की कीमतें अभी भी कई एशियाई देशों की तुलना में काफी कम हैं। यहाँ डेटा की कीमत लगभग 0.09 डॉलर प्रति जीबी है, जो दुनिया के सबसे सस्ते दरों में से एक है। इसी कारण टेलीकॉम कंपनियों के पास टैरिफ बढ़ाने की पर्याप्त गुंजाइश है। विशेष रूप से वोडाफोन आइडिया को सुप्रीम कोर्ट के एजीआर मामले में आए फैसले के बाद अपनी आर्थिक स्थिति को मजबूत करने के लिए टैरिफ बढ़ाना आवश्यक हो गया है।
5G का से बदलाव
5G सेवाओं का विस्तार भी कीमतों में वृद्धि का एक प्रमुख कारण बन रहा है। बीएसएनएल और वोडाफोन आइडिया जैसी कंपनियां अपने नेटवर्क और बुनियादी ढांचे को उन्नत बनाने में भारी निवेश कर रही हैं। जैसे-जैसे ये कंपनियां 5G सेवाओं का विस्तार करेंगी, वैसे-वैसे उन्हें अपनी लागत की भरपाई के लिए टैरिफ बढ़ाने पड़ सकते हैं।
यद्यपि कीमतों में यह बढ़ोतरी तत्काल प्रभाव नहीं दिखाएगी, लेकिन आने वाले समय में उपभोक्ताओं को अधिक भुगतान करना पड़ सकता है। विशेष रूप से मध्यम वर्ग के लिए यह चिंता का विषय है, जो किफायती रिचार्ज प्लान की तलाश में रहता है। कंपनियां अपने मौजूदा प्लान में नई सुविधाएं जोड़कर कीमतों में वृद्धि को उचित ठहराने का प्रयास कर सकती हैं।
टेलीकॉम क्षेत्र के विशेषज्ञों का मानना है कि आने वाले वर्षों में मोबाइल सेवाओं की कीमतों में क्रमिक वृद्धि देखने को मिल सकती है। कंपनियों को अपने नेटवर्क को अपग्रेड करने, नई तकनीकों में निवेश करने और बढ़ती लागत की भरपाई के लिए ऐसा करना पड़ सकता है। हालांकि, प्रतिस्पर्धा के कारण कीमतों में बहुत अधिक वृद्धि की संभावना नहीं है, क्योंकि कोई भी कंपनी अपने ग्राहक आधार को खोना नहीं चाहेगी।