फसलों की सुरक्षा और किसानों की आय में वृद्धि के लिए बिहार सरकार ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। राज्य के 12 जिलों में नए कोल्ड स्टोरेज बनाने की योजना शुरू की गई है, जिससे किसानों को अपनी उपज को लंबे समय तक सुरक्षित रखने में मदद मिलेगी।
किसानों के लिए नई उम्मीद
इस पहल का मुख्य उद्देश्य किसानों को फसल के नुकसान से बचाना और उनकी आय में स्थिरता लाना है। कोल्ड स्टोरेज की कमी के कारण किसानों को अक्सर अपनी उपज को कम दामों पर बेचना पड़ता था। अब, इन नए कोल्ड स्टोरेज के निर्माण से वे अपनी फसल को बेहतर कीमतों के लिए संरक्षित रख सकेंगे।
मधुबनी, नवादा, मुंगेर, जहानाबाद, औरंगाबाद, बांका, सहरसा, जमुई, लखीसराय, शेखपुर, अरवल और शिवहर जैसे 12 जिलों में, जहां अभी तक कोल्ड स्टोरेज की सुविधा नहीं थी, वहां नए कोल्ड स्टोरेज बनाए जाएंगे। यह चयन उन क्षेत्रों को प्राथमिकता देता है जहां इस सुविधा की सबसे अधिक आवश्यकता है।
सब्सिडी का प्रावधान
सरकार ने कोल्ड स्टोरेज निर्माण को प्रोत्साहित करने के लिए 50% तक की सब्सिडी का प्रस्ताव रखा है। यह योजना तीन वर्षों के लिए लागू की गई है, जिससे निवेशकों और उद्यमियों को इस क्षेत्र में प्रवेश करने का एक आकर्षक अवसर मिलेगा।
इतनी आ सकती है लागत
योजना के अंतर्गत दो प्रकार के कोल्ड स्टोरेज – टाइप 1 और टाइप 2 – के निर्माण पर ध्यान दिया गया है। टाइप 1 की निर्माण लागत 8,000 रुपये प्रति मीट्रिक टन और टाइप 2 की 10,000 रुपये प्रति मीट्रिक टन निर्धारित की गई है। इस पर 50% की सब्सिडी दी जाएगी, जो निवेशकों के लिए एक बड़ी राहत है।
कोल्ड स्टोरेज के अलावा, सरकार सोलर एनर्जी सिस्टम, कोल्ड रूम और सोलर माइक्रो कूल चैम्बर जैसी अतिरिक्त सुविधाओं पर भी अनुदान दे रही है। इससे न केवल भंडारण क्षमता बढ़ेगी, बल्कि ऊर्जा दक्षता में भी सुधार होगा।
आसानी से करे आवेदन
इच्छुक आवेदक उद्यान निदेशालय की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर इस योजना के लिए ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। यह प्रक्रिया सरल और पारदर्शी बनाई गई है ताकि अधिक से अधिक लोग इसका लाभ उठा सकें।
कोल्ड स्टोरेज निर्माण
इस योजना से न केवल किसानों को लाभ होगा, बल्कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी बढ़ावा मिलेगा। नए कोल्ड स्टोरेज के निर्माण से रोजगार के अवसर पैदा होंगे और कृषि उत्पादों की गुणवत्ता में सुधार होगा। इससे किसानों की आय बढ़ेगी और उनका जीवन स्तर सुधरेगा।
बिहार सरकार की यह पहल कृषि क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह न केवल किसानों की आर्थिक स्थिति को मजबूत करेगी, बल्कि राज्य के कृषि उत्पादन और वितरण प्रणाली में भी सुधार लाएगी। यह योजना बिहार के कृषि क्षेत्र के आधुनिकीकरण और विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगी।